हरियाणा में धान खरीद और उठाव में हो रही है देरी। किसान कर रहे हैं बेसब्री से बिक्री का इंतजार

हरियाणा में धान खरीद और उठाव में देरी होने के कारण किसान 8 दिनों से परेशान हो रहे हैं। खरीद केंद्रों के बाहर किसने की लंबी लाइन लगी हुई है और वह बिक्री का इंतजार कर रहे हैं। बहादुरपुर के एक किसान बलबीर सिंह सैनी ने इंटरव्यू के दौरान बताया कि वह 8 दिन पहले ही अपनी अनाज बिक्री के लिए लेकर आए थे लेकिन 8 दिन से उनकी अनाज की बिक्री नहीं हुई है और वह लगातार इंतजार कर रहे हैं कि कब उनकी बिक्री हो और वह मात्र अकेले ऐसे किसान नही है जिनकी फसलों की बिक्री नहीं हो पा रही है उनके जैसे हजारों किसान अपने धान की बिक्री के लिए परेशान हो रहे हैं।

एक तरफ जहां हरियाणा में चुनाव सर पर है वहीं किसानों ने सड़कों पर इस बीच MSP पर धान की खरीद शुरू कर दी है। मंदिरों से लेकर सड़कों तक फसलों का ढेर लगा हुआ है। यहां पर हम बताना चाहेंगे कि इस चुनाव में सभी पार्टी किसानों को उनका हक दिलाने का वादा कर रही है पर सच्चाई है कि हमेशा की तरह मंडियों में अनाज भरा हुआ है। और किसानों से फसलों की खरीद का कार्य अत्यधिक धीमा चल रहा है।

मंडियों की सड़कों के बाहर तक धान रखा हुआ है किसानों के अनुसार धान की जल्दी खरीद नहीं होने के कारण धन सुख जा रहा है और उन्हें काफी मात्रा में नुकसान उठाना पड़ रहा है।

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द ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक एक किसान ने अपनी दुख बीती बताते हुए बताया कि वह 8 दिन से अपने अनाज की बिक्री को लेकर आए हुए हैं लेकिन 8 दिनों से उनकी उपज की बिक्री नहीं हुई है। और वह अपनी फसल बिकने का इंतजार कर रहे हैं इस कड़ी में वह एक अकेले किसान नही है जो 8 दिन से अपनी अनाज की बिक्री का इंतजार कर रहे हैं। आसपास की अनेक मंडी के किसान जो अपनी उपज बेचने के लिए आए हैं वह संघर्ष कर रहे हैं।

आत्महत्या करने को मजबूर किसान

कैथल मंडी में अनाज बेचने के लिए आई है किस ऋषिपाल ने कहा कि बाहर रखे रखे उनका सारा अनाज काला पड़ रहा है और एक हफ्ता से उनकी अनाज की खरीद नहीं हो पा रही है फिर उन्हें आने-पुणे दामों में अनाज को बेचना पड़ेगा। खरीद में हो रही देरी और फसलों से हो रहे नुकसान से परेशान होकर एक और किस ने कहा कि इससे अच्छा उन्हें एक टैबलेट दी जानी चाहिए जिससे” वह इन फसलों की चिंता करने की बजाय चैन से सो सके”।


किसानों के इन कथित शब्दों से पता चलता है कि वह कितने परेशान हैं और देश का किसान आत्महत्या करने के लिए मजबूर हो रहे हैं क्योंकि अगर उन्हें सही समय पर सही दाम नहीं मिला तो उनकी पूर्ण फैसले खराब हो जाएगी और उन्हें आर्थिक परेशानी उठानी पड़ सकती है।

क्या कह रहे हैं अधिकारी

इस पूरे मामले को लेकर कृषि विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव सुमित मिश्रा ने कहा कि जो रिपोर्ट में बताया जा रहा है वह सत्य नहीं है क्योंकि फसलों की खरीद भी हो रही है और उठाओ भी हो रहा है किसानों को समय पर भुगतान भी किया जा रहा है। और जो किसान मंडी में डेरा डाले हुए हैं उनके अनाज में नमी की मात्रा 17 प्रतिशत अधिक है। इसलिए उन्हें अनाज सुखाने के बारे में कहा गया है जबकि दूसरी तरफ राहुल गांधी ने धान खरीद में हो रही देरी के मामले को एक रैली के दौरान उठाया है।

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