नमस्कार दोस्तों, अक्टूबर 2024 में भारतीय शेयर मार्केट में विदेशी निवेशक (Foreign Institutional Investor FFI) ने बड़ी बिकवाली करते हुए, लगभग 10 अरब डॉलर यानी 83000 करोड़ को निवेश निकला है। जो मार्च 2020 के कोविड़-19 संकट के बाद बड़ी निकासी साबित होने वाली है।यह निकासी अक्टूबर का त्योहार महीने में आई है। लेकिन इस बार एफ.आई.आई. की इस बिकवाली ने भारतीय शेयर बाजार की दिशा को बदल दिया है, क्योंकि इस में निफ्टी और सेंसेक्स से कम में से 4% और 3.5% की गिरावट दर्ज की गई है।
विदेशी निवेशकों की बिकवाली का कारण
FII की इस रिकॉर्ड तोड़ बिकवाली का सबसे बड़ा कारण चीन में आर्थिक सुधार है, चीन में अभी हाल ही में अपनी धीमी हो रही अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए बड़े कदम उठाए हैं। जैसे की लोन कि रियारते और इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट में निवेश को बढ़ावा देना। इसके चलते विदेशी निवेश को ने भी चीन में खरीदे भारत में बेचे की रणनीति अपनाई है। जिससे चीन बाजार में भारी निवेश देखा गया है। पिछले 1 महीने में, Hang Seng और CSI 300 इंडेक्स के क्रमशः 14% और 22% की तेजी दर्ज की है। जबकि भारतीय बाजार में निवेशको को लाभ की उम्मीदें कम दिख रही है।
घरेलू निवेशकों (Domestic Institutional Investor DDI) की भूमिका
हालांकी भारतीय शेयर बजार की इस बिकवाली को घरेलू निवेश (DDI) की लगातार खरीददारी ने काफी हद तक सही कर लिया है। इस साल अब तक DDI ने लगभाग ₹4 लाख करोड़ की रिकॉर्ड खरीददारी की है। इसमें मुख्य रूप से म्यूचुअल फंड और लाइफ इंश्योरेंस कारपोरेशन (LIC) की भागीदारी रही है। अक्टूबर में DDI ने करीब 74,200 करोड़ के शेयर खरीदे हैं, जबकि इस दौरन FII नें करीब ₹83,000 करोड़ की बिकवाली की है।
इसके अलावा चीन के आर्थिक प्रोत्साहन के भारतीय बाजार से FII की बिकवाली के कई और भी कारण बताए, जिसमें सबसे प्रमुख कारण है, भारतीय शेयरों का उच्च मूल्यांकन, जिसे विदेशी निवेशक ओवरवैल्यूड मानते हैं। इसके अलावा, डॉलर की करेंसी अधिक मूल्य होने की होने के कारण, विदेशी निवेशको को अपने निवेश वापस लाने में सुविधा महसूस हुई। डॉलर इंडेक्स के 103 के स्तर को पार करने के साथ, अन्य currency मुकाबले डॉलर की वैल्यू ने भारतीय बाजार पर दबाव डाला।