दोस्तों भारतीय किसान अपनी फसलों की पैदावार बढ़ाने के लिए रासायनिक उर्वरकों पर भारी भरकम निवेश करते हैं। जुताई, बीज और सिंचाई जैसी अन्य कृषि गतिविधियों की तुलना में रासायनिक खाद काफी महंगी होती है। जैविक खाद की पर्याप्त उपलब्धता न होने के कारण किसान पूरी तरह से इस पर निर्भर नहीं हो पाते। ऐसे में उन्हें हर साल अच्छी पैदावार के लिए डीएपी, जिंक सल्फेट, यूरिया और एमओपी जैसे रासायनिक उर्वरकों का उपयोग करना पड़ता है। इसी का फायदा उठाकर कुछ लोग नकली और मिलावटी खाद बनाकर बेचते हैं। इसलिए किसानों को चाहिए कि वे रासायनिक उर्वरक हमेशा सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त दुकानों या सहकारी समितियों से ही खरीदें। यदि वे बाजार से खाद खरीदते हैं तो उसे खरीदने से पहले उसकी गुणवत्ता की जांच अवश्य कर लें।
असली और नकली यूरिया की कैसे करे पहचान
यूरिया एक ऐसा उर्वरक है जिसका उपयोग फसलों की उर्वरक क्षमता बढ़ाने और उन्हें रोगों से बचाने के लिए किया जाता है। लेकिन, यूरिया में नकली और मिलावट का खतरा भी काफी होता है। किसानों के लिए असली और नकली यूरिया की पहचान करना बेहद जरूरी है। असली यूरिया सफेद और चमकदार होता है। इसके सभी दाने एक समान आकार के और गोल होते हैं। जब इसे पानी में डाला जाता है तो यह पूरी तरह से घुल जाता है और इसके घोल को छूने पर ठंडक का अहसास होता है। एक और सरल परीक्षण यह है कि इसे गर्म तवे पर रखें। असली यूरिया पिघल जाएगा और आंच बढ़ाने पर कोई अवशेष नहीं बचेगा। इन सरल तरीकों से किसान आसानी से यूरिया की शुद्धता जांच सकते हैं और नकली उत्पादों से बच सकते हैं
असली और नकली डीएपी की कैसे करे पहचान
यूरिया के बाद, डीएपी (डाई-अमोनियम फॉस्फेट) फसलों में सबसे अधिक इस्तेमाल किया जाने वाला रासायनिक उर्वरक है। डीएपी की पहचान करना आसान है। यह कठोर, दानेदार होता है और इसका रंग भूरा या काला बादामी होता है। यदि आप इसके कुछ दानों को तंबाकू के साथ रगड़ेंगे तो आपको एक तीखी गंध आएगी। यह एक महत्वपूर्ण पहचान चिन्ह है जिसे नज़रअंदाज नहीं किया जाना चाहिए। अगर आप डीएपी के दानों को धीमी आंच पर तवे पर गरम करेंगे तो वे फूल जाएंगे।
सुपर फॉस्फेट की कैसे करे पहचान
सुपर फॉस्फेट एक ऐसा उर्वरक है जिसका इस्तेमाल खेतों में फसलों को पोषण देने के लिए किया जाता है। यह आमतौर पर कठोर, भूरे रंग के दानों में होता है जो दिखने में काले बादाम जैसे होते हैं। इन दानों की खास बात यह है कि ये नाखूनों से आसानी से नहीं टूटते। सुपर फॉस्फेट पाउडर के रूप में भी उपलब्ध है। असली सुपर फॉस्फेट की पहचान करने का एक आसान तरीका है इसे गर्म करके देखना। अगर आप असली सुपर फॉस्फेट को गर्म करते हैं तो इसके दाने नहीं फटेंगे। यह एक महत्वपूर्ण पहचान चिन्ह है जिसके जरिए आप नकली सुपर फॉस्फेट से असली सुपर फॉस्फेट को अलग कर सकते हैं।
नोट :- दी गई जानकारी निजी अनुभव और इंटरनट से ली गई असली या नकली जानने लिए किसी कृषि विशषज्ञ से सलहा ले ले | इस जानकीरी से संबंधित कोई भी समस्या आती है तो khabariportal जिमेवार नहीं है